दिल्ली की नई कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतीशी मार्लेना ने सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में अपना कार्यभार संभाला। इस मौके पर उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी देखी गई, जिसे उन्होंने अरविंद केजरीवाल की प्रतीकात्मक उपस्थिति के रूप में रखा था। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले मीडिया संबोधन में आतीशी ने कहा कि मैं पूरी उम्मीद करती हूं कि चार महीने बाद होने वाले चुनावों में दिल्ली की जनता एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुनेगी। तब तक यह कुर्सी यही रहेगी, अरविंद केजरीवाल का इंतजार करते हुए।
आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है। आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन सँभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊँ रख कर अयोध्या का शासन… pic.twitter.com/OkNEgtYIq4
— Atishi (@AtishiAAP) September 23, 2024
प्रशांत भूषण ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि वह केजरीवाल की चप्पलें सीएम की कुर्सी पर रख सकती हैं और कह सकती हैं कि चप्पलें ही सरकार चला रही हैं।
She might as well keep Kejriwal’s slippers on the CM’s chair & say that the slippers are running the government! pic.twitter.com/Mv7E37bIzP
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) September 23, 2024
आतीशी की इस पहल की बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने कड़ी आलोचना की। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने इसे मुख्यमंत्री पद का अपमान बताया और कहा कि आतीशी की प्राथमिकता जनता की सेवा के बजाय पूर्व मुख्यमंत्री को चेहरा चमकाना है। उन्होंने आतीशी को डमी मुख्यमंत्री कहा, जिसका काम केवल केजरीवाल की छवि को साफ करना है।
भ्रष्टाचार के आरोप में जेल से छूटकर आये आरोपी को भगवान राम बताकर और ख़ुद को सहर्ष कठपुतली सीएम स्वीकार कर आतिशी जी ने दिल्ली की उम्मीदों को फिर से तोड़ दिया है।
-श्री देवेन्द्र यादव जी
अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी#माफ़ी_माँगो_आतिशी pic.twitter.com/aKv6P3qR5g— Delhi Congress (@INCDelhi) September 23, 2024
इसी तरह बीजेपी ने भी इसे संविधान का उल्लंघन और दिल्ली के लोगों के प्रति अपमान बताया और कहा कि दो कुर्सियों का इस तरह से इस्तेमाल करना संविधान और मुख्यमंत्री पद का अपमान है।
संविधान और लोकतंत्र का मजाक बना दिया है दिल्ली के ठगों ने…
दिल्ली के सुपर CM @ArvindKejriwal जी, AAP की नौटंकी दिल्ली की जनता देख रही है और AAP को हमेशा के लिए दिल्ली से खदेड़ने का मन भी बना लिया है ! pic.twitter.com/CR489PqIes
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) September 23, 2024
इस सब के वाबजूद आतीशी ने रामायण से प्रेरणा लेते हुए अपने कदम को सही ठहराया। उन्होंने खुद की तुलना भरत से की, जिन्होंने भगवान राम के वनवास के दौरान 14 साल तक उनकी खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन किया था। उन्होंने कहा है कि ठीक वैसे ही जैसे भरत ने भगवान राम की अनुपस्थिति में उनका सम्मान किया, मैं भी अगले चार महीनों तक अरविंद केजरीवाल के सम्मान में सरकार चलाऊंगी।
मेरे मन की व्यथा.. pic.twitter.com/xJlg5sI6h9
— Atishi (@AtishiAAP) September 23, 2024
यह पहला मौका नहीं है जब आम आदमी पार्टी ने अपने नेताओं की तुलना रामायण के पात्रों से की हो। इससे पहले भी पार्टी के प्रमुख नेताओं ने भगवान राम और रामराज्य का उल्लेख किया है। केजरीवाल ने हाल ही में जनता की अदालत में कहा था कि उन पर लगे आरोपों का सामना करते हुए वह सीता की अग्नि परीक्षा जैसे हालातों से गुजर रहे हैं।
वही राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा हैं।