बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए आरक्षण नीति को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एक्स पर कहा कि कांग्रेस और श्री राहुल गांधी की SC/ST/OBC आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं बल्कि दोगली और छलकपट की है। देश में ये आरक्षण का समर्थन करते हैं और इसे 50% से ऊपर बढ़ाने की वकालत करते हैं, जबकि विदेश जाकर आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं। इनके इस दोहरे मापदंड से लोग सावधान रहें।
1. कांग्रेस व श्री राहुल गाँधी की SC/ST/OBC आरक्षण नीति स्पष्ट नहीं बल्कि दोगली एवं छलकपट की है। अपने देश में इनके वोट के लिए ये आरक्षण का समर्थन व इसे 50% से ऊपर बढ़ाने की वकालत तथा विदेश में जाकर इनके आरक्षण को खत्म करने की बात करते हैं। इनके इस दोहरे मापदण्ड से लोग सचेत रहें।
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2024
मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार ने OBC आरक्षण से संबंधित मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया था। यह भी सच है कि केन्द्र में इनकी सरकार ने OBC आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी। साथ ही, बीएसपी के संघर्ष से SC/ST के पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को भी कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया, जो अभी तक लम्बित है।
2. यह भी सच है कि केन्द्र में इनकी सरकार ने OBC आरक्षण सम्बन्धी मण्डल कमीशन रिपोर्ट लागू नहीं की थी। साथ ही, बीएसपी के संघर्ष से SC/ST के पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को भी कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया, जो अभी तक लम्बित है।
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उन्होंने कहा कि BSP के संघर्ष के बावजूद SC/ST के पक्ष में आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संसद में लाए गए संविधान संशोधन बिल को कांग्रेस ने पास नहीं होने दिया जो अभी तक लंबित है। साथ ही इस मामले में कोर्ट में कांग्रेस ने सही पैरवी नहीं की।
3. तथा ना ही इस मामले में इनकी सरकार ने मा. कोर्ट में सही से पैरवी की। इस आरक्षण विरोधी कांग्रेस व अन्य पार्टियों से भी ये लोग सजग रहें। साथ ही, केन्द्र में रही कांग्रेसी सरकार द्वारा जातीय जनगणना नहीं कराना और अब सत्ता से बाहर होने पर आवाज उठाना, यह सब ढोंग नहीं तो और क्या है?
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मायावती का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में राहुल गांधी ने अमेरिका दौरे के दौरान आरक्षण का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि आरक्षण तब तक खत्म नहीं होना चाहिए जब तक सभी को सम्मान और बराबरी न मिल जाए। इसके बाद बीजेपी और अब मायावती ने राहुल गांधी पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने बाद में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान भी आरक्षण का मुद्दा गर्माया हुआ था। कई नेताओं ने यहाँ तक कहा था कि अगर बीजेपी 400 से अधिक सीटें जीतती है, तो आरक्षण समाप्त कर दिया जाएगा। इस बयान के बाद बीजेपी को बैकफुट पर आना पड़ा था। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में आरक्षण का मुद्दा कितना प्रभाव डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा।