नयी दिल्ली, नवंबर 19: ग्रेटर नॉएडा के गलगोटिया यूनिवर्सिटी ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नयी मुहीम छेड़ी है. विश्वविद्यालय का कहना है कि ‘कोलैबोरेटिव लर्निंग’ की उनकी रणनीति के बाद अब कोई भी स्टूडेंट बैकबेंचर नहीं रहेगा। अब छात्रों को पारम्परिक तरीके से शिक्षा नहीं दी जाएगी, बल्कि उन्हें अलग-अलग प्रकार की एक्टिवटी की मदद से पढ़ाया जायेगा। उनका विकास और मूल्यांकन भी उद्योग जगत की जरूरतों के हिसाब से किया जायेगा ताकि विश्वविद्यालय से निकलते ही स्टूडेंट्स पूरी तरह स्किल्ड हो जाय. इसके लिए छात्रों के फीडबैक को बरियता दिया जायेगा।
इसके लिए आज एक नए भवन का उद्घाटन किया गया. इसमें देशभर के वरिष्ठ शिक्षाविदों के साथ-साथ सिंगापुर के नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर गेन ची लिप भी शामिल हुए.
गलगोटिया यूनिवर्सिटी ने “शिक्षण और सीखने के प्रतिमानों को पुनः आकार देने” विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का भी आयोजन किया। इस आयोजन में विश्वस्तरीय संस्थानों के प्रमुख विद्वानों, शिक्षाविदों और नेताओं को एक मंच पर लाया गया, जिसमें नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (सिंगापुर), क्यूएस क्वाक्वेरेली साइमंड्स और टाइम्स हायर एजुकेशन (THE) के प्रतिनिधि भी शामिल थे। मेलबर्न यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ड जेम्स ने जीस्केल (GSCALE) परियोजना के महत्वाकांक्षी दायरे पर प्रकाश डाला।