दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जंतर मंतर पर एक सभा को संबोधित करते हुए भावुक अंदाज़ में कहा कि मैं नेता नहीं हूँ, मेरी चमड़ी मोटी नहीं है। मुझे फर्क पड़ता है। जब बीजेपी वाले मुझ पर कीचड़ उछालते हैं और झूठे आरोप लगाते हैं तो इससे मुझे तकलीफ होती है। मैंने अपने जीवन में इज्जत कमाई है और जब मुझ पर आरोप लगाए गए, तो मैंने मर्यादा रखते हुए इस्तीफा दे दिया।
मैं नेता नहीं हूं, मेरी चमड़ी मोटी नहीं है। मुझे फ़र्क़ पड़ता है। जब BJP वाले मुझ पर कीचड़ फेंकते हैं, मुझ पर झूठा आरोप लगाते हैं तो मुझे फ़र्क़ पड़ता है।
मैंने अपने जीवन में इज्जत कमाई है और आज जब इन्होंने मुझ पर आरोप लगाया तो मर्यादा को ऊपर रखते हुए मैंने इस्तीफ़ा दे दिया और… pic.twitter.com/lfmYUldiFw
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केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री आवास छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं और फिलहाल उनके पास रहने के लिए घर भी नहीं है। उन्होंने बताया कि 10 साल की मेहनत से उन्होंने जनता का प्यार और आशीर्वाद कमाया है और अब तमाम लोग उन्हें अपने घर में रहने के लिए बुला रहे हैं।
जो हर दिल्लीवाले के दिल में रहता है उसके लिए दिल्ली में कभी घर की कमी नहीं हो सकती❤️ #MeraGharKejriwalKeLiye pic.twitter.com/ilLNK3BA5M
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इस्तीफा देने के बाद उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से पांच तीखे सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या यह लोकतंत्र है, जहां मोदी जी ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करके सरकारें गिरा रहे हैं? साथ ही, उन्होंने पूछा कि बीजेपी में जिन लोगों को भ्रष्ट कहा गया था, उन्हें शामिल किया गया, क्या भागवत जी इस तरह की राजनीति से सहमत हैं?
RSS प्रमुख श्री मोहन भागवत जी से मैं ये 5 सवाल पूछना चाहता हूं। pic.twitter.com/ZGVGiYj3F3
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केजरीवाल ने यह भी सवाल उठाया हैं कि जब जेपी नड्डा ने कहा कि बीजेपी को आरएसएस की ज़रूरत नहीं है, तो क्या यह आरएसएस की मां का अपमान नहीं है? और आखिरी सवाल में उन्होंने पूछा कि अगर 75 साल की उम्र के बाद नेताओं को रिटायरमेंट लेना पड़ता है, तो यह नियम मोदी जी पर लागू क्यों नहीं होगा?
क्या मोहन भागवत जी ने कभी मोदी जी से ED और CBI का इस्तेमाल करके पार्टियों को तोड़ने के बारे में सवाल किया है? क्या यह लोकतंत्र पर हमला नहीं है?
भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि जब लाल कृष्ण आडवाणी जी 75 वर्ष के हुए तो उन्होंने संन्यास ले लिया। पीएम मोदी को भी 75 साल की उम्र में… pic.twitter.com/RZtpCxWNTp
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केजरीवाल के अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद बीजेपी ने इसे एक राजनीतिक स्टंट करार दिया है, जबकि मनीष सिसोदिया ने इसे केजरीवाल की ईमानदारी और जनसमर्पण का प्रतीक बताया। अब दिल्ली की बागडोर आतिशी मार्लेना के हाथों में सौंपी गई है, जो सूबे की नई मुख्यमंत्री बनी है।