सीसीएल ने बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित दुम्मा में एक निःशुल्क चिकित्सा शिविर के माध्यम से क्षेत्र के हजारों लोगों को जीवन रेखा प्रदान की है। श्रावणी मेले के अवसर पर आयोजित यह शिविर ग्रामीणों, हितधारकों और श्रमिकों के लिए आशा की किरण बन गया है। यह लगातार दसवाँ वर्ष है जब सीसीएल बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित पवित्र स्थल पर आने वाले हजारों तीर्थयात्रियों की सेवा की।
21 जुलाई, 2024 से शुरू हुए इस शिविर में धार्मिक समागम के उत्साह के बीच श्रद्धालुओं के लिए स्वास्थ्य जाँच एवं उपचार का एक लोकप्रिय केंद्र बन गया था।
गिरिडीह, ढोरी और बीएंडके सहित सीसीएल के विभिन्न क्षेत्रों के चिकित्सकों की एक समर्पित टीम को अनेक प्रकार की सेवाएँ प्रदान करने के लिए तैनात किया गया है। ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल की नियमित जाँच से लेकर विशेषज्ञ फिजियोथेरेपी सत्र तक, शिविर तीर्थयात्रियों की विविध स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करता रहा। सभी के लिए उपचार सुलभ हो सके, इसके लिए निःशुल्क दवाएँ भी वितरित की गईं।
चिकित्सा सेवाओं से परे, शिविर काँवरियों के लिए आराम का स्थान बन गया था। जिसमें शुद्ध पेयजल और ताज़ा चाय इत्यादि का प्रबंध भी किया गया था। इसके अलावा भी थके हुए श्रद्धालुओं के मांसपेशियों को आराम देने और असुविधा दूर करने के लिए शिविर में मुफ्त मालिश की सुविधा भी उपलब्ध थी।
गिरिडीह क्षेत्र के सीएमओ डॉ. परिमल सिन्हा, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (ढोरी) डॉ. सुधांशु शर्मा और बीएंडके क्षेत्र के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. शंकर प्रसाद के कुशल मार्गदर्शन में, चिकित्सा टीम तीर्थयात्रियों के कल्याण के लिए लगातार काम की।
महाप्रबन्धक (गिरिडीह) बासब चौधरी ने सीसीएल की समुदाय के प्रति लंबे समय से चली आ रही प्रतिबद्धता पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “हम 2014 से सावन के महीने में दुम्मा में निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित कर रहे हैं। यह देखकर खुशी होती है कि हमने इस एक महीने में 1 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों और हितधारकों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला है।”
सीसीएल सीएमडी नीलेन्दु कुमार सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में यह स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया। ये पहल कंपनी के व्यापक सामाजिक कल्याण विजन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य क्षेत्र के समावेशी विकास में योगदान देना है।
दुम्मा में सीसीएल का चिकित्सा शिविर केवल एक स्वास्थ्य पहल से कहीं अधिक है; यह कंपनी के अपने हितधारकों के कल्याण के प्रति समर्पण और एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में इसकी भूमिका का प्रतीक है। यह शिविर 20 अगस्त, 2024 को समाप्त हुआ। कंपनी की स्वास्थ्य सेवा के प्रति प्रतिबद्धता को लाभार्थियों एवं हितधारकों ने खूब सराहा है।