नई दिल्ली, 28 नवंबर, 2024: फ्लिपकार्ट ग्रुप की परोपकारी कार्य करने वाली इकाई फ्लिपकार्ट फाउंडेशन ने बुधवार (27 नवंबर) को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में अपने दूसरे वार्षिक सम्मेलन ‘संपर्क 2024: सामाजिक प्रभाव के समावेशी रास्ते’ का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम में गैर लाभकारी संस्थाओं, निजी क्षेत्रों और वैश्विक संगठनों से जुड़े प्रतिष्ठित लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के दौरान सामाजिक प्रभाव बढ़ाने की दिशा में समावेशी एवं सतत विकास को बढ़ावा देने के विषय पर परिचर्चा आयोजित की गई। यह भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं और वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के अनुरूप है।
सम्मेलन की शुरुआत द/नज इंस्टीट्यूट एंड गिव के संस्थापक एवं सीईओ श्री अतुल सतीजा के संबोधन से हुई। इसके बाद मुख्य अतिथि भारत के प्रतिस्पर्धा आयोग के पूर्व चेयरमैन एवं वर्ल्ड बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री धनेंद्र कुमार, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने संबोधित किया। दोनों वक्ताओं ने सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना करने के लिए साझा प्रयासों की जरूरत को रेखांकित किया और सार्थक बदलाव की दिशा में फ्लिपकार्ट फाउंडेशन जैसे संगठनों की भूमिका को रेखांकित किया। फाउंडेशन ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट और दूसरे एफकेएफ कम्पेंडियम का अनावरण भी किया। इनमें 2022 में इसकी शुरुआत के बाद से अब तक की विभिन्न प्रभावी पहल एवं सफलता की कहानियों को सबके समक्ष रखा गया।
कार्यक्रम के दौरान ‘टर्निंग द टाइड: लीडिंग डिसएंगेज्ड यूथ टू सस्टेनेबल लाइवलीहुड्स थ्रू एंटरप्रेन्योरशिप एंड स्किल एन्हांसमेंट’ (बदलाव की राह: उद्यमिता एवं कौशल विकास के माध्यम से वंचित युवाओं को सतत आजीविका की ओर ले जाना) विषय पर आयोजित पैनल चर्चा आकर्षण का केंद्र रही। इस सत्र में श्री अमित कुमार (प्रमुख, समावेशी विकास, यूएनडीपी), श्री मंगेश वांगे (सीईओ, स्वदेस फाउंडेशन), सुश्री रेमा मोहन (सीईओ, एनएसई फाउंडेशन) और सुश्री शोभिनी मुखर्जी (एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, जे-पाल साउथ एशिया) जैसे वक्ताओं ने हिस्सा लिया। श्री अनीश कुमार (को-लीड, ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया) द्वारा संचालित इस चर्चा में ग्रामीण युवाओं को सशक्त करने, रोजगार पाने में सक्षम बनाने और सतत आजीविका सृजित करने के लिए कौशल विकास से जुड़ी पहल के महत्व को सामने रखा गया।
इसके साथ-साथ एक संवाद सत्र में इस विषय पर विमर्श हुआ कि कैसे टेक्नोलॉजी से समावेशी एवं सतत विकास को गति दी जा सकती है। इस सत्र का संचालन श्री जयेंद्रन वेणुगोपाल (चीफ प्रोडक्ट एंड टेक्नोलॉजी ऑफिसर, फ्लिपकार्ट) ने किया। इस सत्र में डॉ. निधि पुंडीर (वाइस प्रेसिडेंट, ग्लोबल सीएसआर, एचसीएल टेक एवं डायरेक्टर एचसीएल फाउंडेशन) और श्री अनिकेत देवगर (सह-संस्थापक एवं सीईओ, हकदर्शक) ने अपने विचार रखे। इस विमर्श के दौरान विकास के मामले में मौजूदा अंतर को भरने, समावेश बढ़ाने और वंचित समुदायों पर प्रभाव डालने के लिए एक सेतु के रूप में टेक्नोलॉजी की ताकत सबके सामने आई।
फाउंडेशन ने अद्वितीय योगदान के लिए पांच एनजीओ पार्टनर्स – स्माइल फाउंडेशन, प्रथम इन्फोटेक फाउंडेशन, एआईएसीए (ऑल इंडिया आर्टिसंस एंड क्राफ्टवर्कर्स वेलफेयर एसोसिएशन), एसएम सहगल फाउंडेशन और हकदर्शक फाउंडेशन की सराहना भी की और वंचित समुदायों को सशक्त करने एवं सार्थक सामाजिक प्रभाव की दिशा में इनकी साझा उपलब्धियों को भी सबके समक्ष रखा। इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम के दौरान फ्लिपकार्ट फाउंडेशन के साथ साझेदारी में स्माइल फाउंडेशन और एआईएसीए के कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए लोगों ने भी विकास की अपनी प्रेरक यात्रा को सबके साथ साझा किया।
कान्फ्रेंस को लेकर फ्लिपकार्ट ग्रुप के एसवीपी एवं चीफ कॉरपोरेट अफेयर्स ऑफिसर रजनीश कुमार ने कहा, ‘संपर्क 2024 एक ऐसा भविष्य बनाने के हमारे दृष्टिकोण का प्रतीक है, जहां समावेशी विकास एवं स्थिरता (सस्टेनेबिलिटी) को सामाजिक कार्यक्रमों के केंद्र में रखा जाए। यह देखना वास्तव में दिल छूने वाला है कि कैसे इस प्लेटफॉर्म ने जटिल चुनौतियों के समाधान के लिए विभिन्न सेक्टर को साथ जोड़ा है और प्रभावी गठजोड़ का रास्ता तैयार किया है। जैसे-जैसे हम समुदायों एवं अपने पार्टनर्स के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में बढ़ेंगे, हमारा फोकस सार्थक एवं व्यापक बदलाव पर रहेगा, जिससे लोगों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़े और भारत की विकास यात्रा को ताकत मिले।’
सामाजिक बदलाव के लिए एकजुट होकर कदम उठाने की जरूरत पर जोर देते हुए संपर्क 2024 ने एक वैचारिक नेतृत्वकर्ता और विकासवादी व्यवस्था को सक्षम बनाने वाले संगठन के रूप में फ्लिपकार्ट फाउंडेशन की भूमिका को मजबूत किया है।
अब तक फ्लिपकार्ट फाउंडेशन ने असम, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में वंचित समुदायों के साथ काम किया है और विभिन्न सेक्टर में अकुशल एवं वंचित वर्ग के लोगों को समर्थन दिया है और उन्हें सशक्त बनाया है। इससे अधिकतम पहुंच एवं पर्यावरण के अनुकूल प्रभाव सुनिश्चित हुआ है।