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दूरसंचार (डिजिटल भारत निधि का प्रबंधन) नियम, 2024 अधिसूचित

भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत बनाए गए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष को अब दूरसंचार अधिनियम, 2024 की धारा 24(1) के तहत डिजिटल भारत निधि के रूप में नया नामकरण किया गया है।
भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत बनाए गए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष को अब दूरसंचार अधिनियम, 2024 की धारा 24(1) के तहत डिजिटल भारत निधि के रूप में नया नामकरण किया गया है।

भारत सरकार के संचार मंत्रालय के अंतर्गत दूरसंचार विभाग की अधिसूचना संख्या जी. एस. आर. 530 (ई), दिनांक 20 अगस्त, 2024 के तहत दूरसंचार अधिनियम, 2023 (2023 का 44) के नियमों का पहला सेट ‘दूरसंचार (डिजिटल भारत निधि का प्रबंधन) नियम, 2024’ भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था। इसके मसौदा नियम 4 जुलाई, 2024 को प्रकाशित किए गए थे और 30 दिनों के भीतर आम लोगों के सुझाव मांगे गए थे।

भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत बनाए गए सार्वभौमिक सेवा दायित्व कोष को अब दूरसंचार अधिनियम, 2024 की धारा 24(1) के तहत डिजिटल भारत निधि के रूप में नया नामकरण किया गया है। अब यह उन नए क्षेत्रों पर ध्‍यान केंद्रित करता है जिन्हें बदलती प्रौद्योगिकी के इस दौर में डिजिटल भारत निधि से मदद की जरूरत हो सकती है।

केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने एक्स पर जारी अपने एक पोस्‍ट में कहा कि नए नियम डिजिटल कनेक्टिविटी को बेहतर करने और समाज के सभी वर्गों की दूरसंचार सेवाओं तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्‍होंने कहा कि इससे 2047 तक विकसित भारत बनने के मिशन को मजबूती मिलेगी।

इन नियमों के तहत प्रशासक की शक्तियों एवं कार्यों को निर्धारित किया गया है, जो डिजिटल भारत निधि के कार्यान्वयन एवं प्रशासन संबंधी देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगे। ये नियम डिजिटल भारत निधि के तहत ली जाने वाली योजनाओं एवं परियोजनाओं के लिए मानदंड और कार्यान्वयन करने वालों के लिए चयन प्रक्रिया का भी प्रावधान करते हैं।

इन नियमों में यह भी प्रावधान है कि डिजिटल भारत निधि से रकम का आवंटन कम सेवा वाले दूरदराज के क्षेत्रों में दूरसंचार सेवाओं को बेहतर करने और समाज के वंचित समूहों, जैसे महिलाओं, दिव्‍यांगों और आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों पर केंद्रित परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।

डिजिटल भारत निधि के तहत वित्तपोषित योजनाओं एवं परियोजनाओं को इन नियमों के तहत निर्धारित एक या अधिक मानदंडों को पूरा करना होगा। इनमें मोबाइल एवं ब्रॉडबैंड सेवाओं सहित दूरसंचार सेवाओं के प्रावधान के लिए परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा इसमें दूरसंचार सेवाओं की डिलीवरी के लिए आवश्यक दूरसंचार उपकरण एवं दूरसंचार सुरक्षा में सुधार, दूरसंचार सेवाओं की पहुंच एवं कीमत में सुधार और मामूली सेवा वाले ग्रामीण इलाकों, दूरदराज के क्षेत्रों एवं शहरी इलाकों में अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी की तैनाती से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं।

डिजिटल भारत निधि के तहत ली जाने वाली योजनाओं एवं परियोजनाओं के मानदंडों में ये भी शामिल हैं: नवाचार, अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, स्वदेशी प्रौद्योगिकी का विकास एवं संबंधित बौद्धिक संपदा का प्रचार एवं व्यावसायीकरण जिसमें आवश्‍यक हो तो नियामकीय सैंडबॉक्स का निर्माण, राष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उपयुक्‍त मानकों को विकसित एवं स्‍थापित करना तथा अंतर्राष्ट्रीय मानक संस्‍थाओं द्वारा उनका मानकीकरण, दूरसंचार क्षेत्र में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना, विकास एवं क्षमता निर्माण के लिए शिक्षा जगत, अनुसंधान संस्थान, स्टार्टअप एवं उद्योग के बीच सेतु का निर्माण करना और दूरसंचार क्षेत्र में टिकाऊ एवं पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को बढ़ावा देना। इन परियोजनाओं का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना, संचालन, रखरखाव या विस्तार के लिए डिजिटल भारत निधि से रकम हासिल करने वालों को खुले तौर पर और बिना किसी भेदभाव के ऐसे दूरसंचार नेटवर्क/ सेवाओं को साझा करना पड़ेगा और उसे सभी के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

पृष्‍ठभूमि:

दूरसंचार अधिनियम, 2023 को दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित किया गया था। उसे 24 दिसंबर, 2023 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति मिली और उसी दिन आधिकारिक राजपत्र में उसे प्रकाशित कर दिया गया था। धारा 1(3) के अनुसार दूरसंचार विभाग ने 21 जून, 2024 को राजपत्र अधिसूचना जारी की थी, जिसमें दूरसंचार अधिनियम की धारा 1, 2, 10 से 30, 42 से 44, 46, 47, 50 से 58, 61 और 62 को 26 जून, 2024 से प्रभावी तौर पर लागू किया गया था। विभाग ने 4 जुलाई, 2024 को अधिनियम की धारा 6 से 8, 48 और 59(बी) को भी 5 जुलाई, 2024 से प्रभावी तौर पर लागू कर दिया था।

समावेश, सुरक्षा, वृद्धि और त्वरित (जवाबदेही) के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित इस अधिनियम का उद्देश्य विकसित भारत के सपने को साकार करना है। डिजिटल भारत निधि (डीबीएन) से संबंधित प्रावधान इस अधिनियम के अध्याय V की धारा 24 से 26 में निहित हैं।

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