बहुजन समाज पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जातियों और जनजातियों के आरक्षण में विभाजन को लेकर दिए गए फैसले को देश के लिए विभाजनकारी बताया। एक प्रेस रिलीज जारी कर मायावती ने कहा कि इस फैसले से विभाजन की भावना को और अधिक बढ़ावा मिलेगा जो कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता पर करारा प्रहार करने जैसा होगा। जबकि अनुसूचित जाती और जनजाति कोई साधारण जाति नहीं है। यह केवल भारतीय संविधान के अनुच्छेद 341 342 की अधिसूचना के जरिये अस्तित्व में आयी है और यह अनुसूचित जातियों और जनजातियों का एक मिश्रण है और एकबार अधिसूचित हो जाने के बाद फिर यह एक समरूप समूह बन जाता है।