वॉशिंगटन: स्पेसएक्स ने वर्ष 2025 की अपनी पहली फाल्कन 9 उड़ान पूरी करके ऑर्बिटल लॉन्च के इस साल की शुरुआत की। फाल्कन 9 रॉकेट ने 3 जनवरी को रात 8:27 बजे (ईएसटी) फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 40 से उड़ान भरी और थुराया 4 उपग्रह को जियोसिंक्रोनस कक्षा में भेजा।
थुराया 4 उपग्रह: यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के लिए महत्वपूर्ण
थुराया 4 उपग्रह का संचालन स्पेस42 में किया जाता है, जो संयुक्त अरब अमीरात की एक उपग्रह और अंतरिक्ष सेवा कंपनी है। यह उपग्रह पूरे यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका में वाणिज्यिक और सरकारी ग्राहकों को मोबाइल संचार सेवाएं देगा। इसकी मदद से इन क्षेत्रों में बेहतर कनेक्टिविटी और संचार सेवाएं उपलब्ध होंगी, जहां पारंपरिक संचार नेटवर्क की पहुंच नहीं है।
फाल्कन 9 बूस्टर की सफल लैंडिंग
रॉकेट उड़ान भरने के 8 मिनट और 40 सेकंड बाद, फाल्कन 9 का बूस्टर अटलांटिक महासागर के पास स्थित स्पेसएक्स के ड्रोनशिप “ए शॉर्टफॉल ऑफ ग्रेविटास” पर लैंड हुआ। यह स्पेसएक्स की फाल्कन 9 के पहले चरण के बूस्टर की 20वीं सफल उड़ान और रिकवरी थी। इसके साथ ही यह स्पेसएक्स की कुल 341वीं रिकवरी थी, जिसमें फाल्कन 9 और फाल्कन हेवी दोनों रॉकेट बूस्टर शामिल थे।
यह थी अन्य प्रमुख सफलताएँ
मिशन में फाल्कन 9 बूस्टर ने आईस्पेस हॉकटो-आर मून लैंडर को चंद्रमा की सतह पर भेजा और साथ ही अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए आपूर्ति मिशन और स्पेसएक्स के स्टारलिंक उपग्रहों के 13वें बैच को भी लॉन्च किया। लगभग 35 मिनट और 30 सेकंड बाद, थुराया 4 उपग्रह रॉकेट के दूसरे चरण से अलग हो गया और जियोस्टेशनरी ट्रान्सफर ओर्बिट (GTO) में पहुंचा। इसके बाद, यह उपग्रह पृथ्वी के एक निश्चित स्थान से ऊपर उठते हुए भू-समकालिक कक्षा में पहुँचने की प्रक्रिया शुरू करेगा।
स्पेसएक्स की उपलब्धियां और आगामी मिशन
थुराया 4 मिशन स्पेसएक्स की फाल्कन 9 रॉकेट की 418वीं उड़ान है और कंपनी का 435वां कुल मिशन है। स्पेसएक्स ने 2024 में 130 से ज़्यादा ऑर्बिटल मिशन लॉन्च किए हैं और 2025 में इस संख्या के और बढ़ने की उम्मीद है।
थुराया 4-एनजीएस उपग्रह की नई तकनीक
इस मिशन में शामिल उपग्रह को “थुराया 4-एनजीएस” (नेक्स्ट जेनरेशन सिस्टम) के नाम से जाना जाता है। इसे एयरबस ने बनाया है और इस उपग्रह में बहुत सी अत्याधुनिक तकनीक शामिल है। स्पेस42 की साझेदार कंपनी याहसैट स्पेस सर्विसेज के सीईओ अली अल हशमी का कहना था कि इस उपग्रह की तकनीकें नई एआई-संचालित सेवाओं को अनलॉक करेंगी, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर और तेज़ मोबाइल संचार सेवाएं मिलेंगी। स्पेसएक्स का यह मिशन, उपग्रह संचार के क्षेत्र में एक नई दिशा का संकेत है और यह तकनीकी उन्नति के साथ वैश्विक कनेक्टिविटी में भी सुधार करेगा।