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आरईसी लिमिटेड और मेघालय सरकार ने मेघालय में विद्युत अवसंरचना के लिए गुणवत्ता परीक्षण बढ़ाने हेतु एमईपीडीसीएल और सीपीआरआई के बीच ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन को सुविधाजनक बनाया आरईसी लिमिटेड और सागरमाला फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएमएफसीएल) ने समुद्री बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए एमजंक्शन को टाटा समूह का इनोवेशन अवॉर्ड मॉयल ने सितंबर में रिकॉर्ड उत्पादन किया, दूसरी तिमाही में 10.3% की उत्पादन वृद्धि दर्ज की शिक्षा और सशक्तिकरण का संगम: गौरव भगत अकादमी ने पर्थला के सरकारी स्कूल की कन्या छात्राओं के साथ मनाया मीना दिवस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की UPITS 2025 की तैयारियों की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

चीन का लहसुन भारत में! हाईकोर्ट पहुँचा मामला

चीनी लहसुन का मामला अब इलाहाबाद हाईकोर्ट तक पहुँच चुका है, जहाँ इसकी लैब टेस्टिंग के आदेश दिए गए हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह लहसुन भारतीय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है और इसका इस्तेमाल बीमारियाँ फैलाने में सहायक हो सकता है। भारत में इस लहसुन पर पहले ही 2014 में प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन इसके बावजूद यह धड़ल्ले से सीमा पार कर भारत के बाजारों में बिक रहा है।

भारतीय लहसुन और चीनी लहसुन में साफ अंतर है। भारतीय लहसुन आकार में बड़ा होता है, इसका छिलका सफेद या हल्का भूरा होता है और गंध तीखी होती है। वहीं, चीनी लहसुन छोटा, सफेद या गुलाबी रंग का होता है और उसकी सुगंध हल्की होती है। याचिकाकर्ता का दावा है कि चीनी लहसुन में खतरनाक केमिकल और कीटनाशकों का इस्तेमाल होता है, जिससे गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं, जैसे कि कैंसर।

एक बड़ा सवाल उठता है कि अगर इस लहसुन पर प्रतिबंध है, तो फिर यह भारत में कैसे पहुँच रहा है? क्या सरकार को इस तस्करी की जानकारी नहीं है? अगर जानकारी है तो क्या कार्रवाई की जा रही है? हाल ही में लखनऊ में सीमा शुल्क विभाग ने 23 टन अवैध चीनी लहसुन पकड़ा जिसकी कीमत 96 लाख रुपए बताई गई। यह घटना साफ तौर पर सरकारी तंत्र की कमजोरी और अनदेखी को दर्शाती है। ऐसे में सरकार की ज़िम्मेदारी बनती है कि इस मामले में सख्त कदम उठाए और दोषियों को कड़ी सजा दे।

यह बेहद चिंता का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर से तस्करी करके हमारे देश में खतरनाक और जहरीला सामान लाया जा रहा है, और सरकार इसे रोकने में विफल साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश और केंद्र में डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद ऐसी घटनाएँ हो रही हैं, जो हमारे देश की सुरक्षा और नागरिकों के स्वास्थ्य पर सवाल उठाती हैं। सरकार को न सिर्फ सख्त कदम उठाने की जरूरत है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

हमें इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचने की आवश्यकता है ताकि देश की जनता का स्वास्थ्य और सुरक्षा किसी भी तरह से खतरे में न आए।

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